प्रिय मित्रो,
प्रायः हर परिवार में किसी न किसी को किसी न किसी जोड़ के दर्द की शिकायत पाई जाती है। जोड़ों के दर्द को Arthritis (गठिया) कहा जाता है तथा यह एक सौ से भी अधिक प्रकार का होता है। मुख्यता: पाए जाने वाले गठिया –
1) आमवात – (Rheumatoid arthritis)
2) संधिवात – (Osteoarthritis)
3) वातरक्त – (Gouty arthritis)
4) संक्रमन वात – (Septic arthritis) आदि है ।
इसके अलावा Ligaments, tendone एवं bursa आदि के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है तथा इस प्रकार के दर्द को Extra aticular arthritis कहते हैं ।
इस प्रकार जोड़ों का दर्द कई कारणों से हो सकता है इसलिए इन सबकी चिकित्सा के सिद्धांत भी भिन्न-भिन्न होते हैं।
आयुर्वेद में कई प्रकार के आसव-अरिष्ट, क्वाथ, रस-भस्म, चूर्ण बटी एवं गुग्गुल आदि वातशामक, शोथहर एवं वेदना स्थापक औषधियों का प्रयोग तो किया ही जाता है साथ ही शरीर के शुद्धिकरण(Detoxification) का भी विशेष ध्यान दिया जाता है जिसके लिए पंचकर्म की वमन, विरेचन बस्ती, नस्य कर्म, रक्तमोक्षण, अग्निकर्म आदि अनेक प्रकार की प्रक्रियाएं हैं जो अत्यंत लाभकारी परिणाम देती हैं, अतः कृपया इन्हें पहले आजमाएं फिर विश्वास करें।
हार्दिक शुभकामनाएं
विशेष – जीवन चलने का नाम है इसे निर्बोध रूप से गतिशील (स्वस्थ) बनाएं रखने हेतु *”Ayurveda By Dr Rajesh katiyar vandana Medicare multi-speciality ayurveda hospital KALYAN PUR KANPUR UP mob 9839141475